हालांकि सांसद के रूप में राहुल गांधी को सांसद के रूप में 1 लाख रुपए वेतन मिलता था। इसके अलावा उन्हें अलग-अलग भत्ते भी मिलते थे, लेकिन सांसदी जाने के बाद अब राहुल को न तो भत्ते मिलेंगे, न ही प्रतिमाह मिलने वाला 1 लाख रुपए वेतन मिलेगा। हालांकि राहुल गांधी 2004 से लगातार सांसद हैं। ऐसे में उन्हें सांसद के रूप में 25000 रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेगी। इसके अलावा 5 वर्ष के कार्यकाल के बाद वे जितने साल भी सांसद रहे हैं, प्रतिवर्ष 2000 रुपए प्रतिमाह अतिरिक्त मिलेगा।
दूसरी ओर, राहुल गांधी ने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान पेश हलफनामे में बताया था कि 15.88 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में राहुल ने अपनी कुल संपत्ति 9.40 करोड़ रुपए बताई थी। 2014 से 2019 तक उनकी संपत्ति में 6 करोड़ 48 लाख 77 हजार रुपए का इजाफा हुआ। हलफनामे में उन्होंने यह भी बताया था कि बैंकों एवं अन्य वित्तीय संस्थानों का उन पर 72 लाख रुपये कर्ज है। साथ ही मां सोनिया गांधी से भी उन्होंने 5 लाख रुपए का कर्ज ले रखा है।
हलफनामे के मुताबिक वर्ष 2017-18 में उनकी कुल आय 1 करोड़ 11 लाख 85 हजार 570 रुपए। उनकी आय का स्रोत संसद का वेतन, रॉयल्टी से आय, किराए से आय, बॉन्ड से मिला ब्याज के साथ ही डिविडेंड और म्युचुअल फंड से मिलने वाली पूंजी है।
कितनी थी राहुल की पहली सैलरी : राहुल गांधी ने एक साक्षात्कार में बताया था उन्होंने अपनी पहली नौकरी लंदन स्थित मॉनिटर नामक स्ट्रैटजिक कंसल्टिंग कंपनी में की थी। उन्होंने बताया कि उनकी पहली सैलरी का चेक 2500 या 3000 पाउंड (3 लाख से ज्यादा) था, जो कि उस वक्त के हिसाब से काफी ज्यादा था।