राफेल लड़ाकू विमान का भारतीय वायुसेना में शामिल होना किन मायनों में अहम है,इसको समझने के लिए ‘वेबदुनिया’ ने विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित और लंबे समय तक वायुसेना में फाइटर पायलट के रूप में अपनी सेवा दे चुके एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह (रि.) से खास बातचीत की।
वेबदुनिया से बातचीत में एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह राफेल लड़ाकू विमानों को वायुसेना में शामिल होने को एक बड़ी उपलब्धि बताते है। वह साफ कहते हैं कि राफेल विमानों को भारतीय वायुसेना में कई साल पहले शामिल हो जाना चाहिए था मगर कई कारणों से ऐसा हो नहीं सका, फिर भी देर आए दुरस्त आए।
राफेल विमान की खासियत बताते हुए एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह कहते हैं कि यह एक आधुनिक ताकतवर विमान है और इनके शामिल होने से अब वायुसेना की ताकत कई गुना और ज्यादा बढ़ जाएगी। वह बताते हैं कि राफेल 4.5 जनरेशन का अत्याधुनिक फाइटर विमान है और इसमें बहुत सारी ऐसी खासियत है जो इसे अन्य फाइटर विमानों की तुलना में बहुत आगे खड़ा करती है। राफेल के एवियॉनिक्स और राडार एडंवास टेक्नॉलाजी होने के साथ ही इसमें जो मिसाइल और अन्य हथियार है वह मौजूदा समय में विश्व की सबसे बेहतर मारक क्षमता वाले एडवांस हथियार है और इस तरह के हथियार हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन के पास उपलब्ध किसी भी फाइटर एयरक्राफ्ट में नहीं है।
एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह कहते हैं कि राफेल लड़ाकू विमान ऐसे समय वायुसेना में शामिल हो रहे है जब चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव बढ़ रहा है, ऐसे में राफेल विमान का वायुसेना में शामिल होना बहुत अहम है और वायुसेना को एक नई ताकत मिलेगी।
राफेल लड़ाकू विमान के वायुसेना के बेड़े में शामिल होने के बाद अब भारत अपने दुश्मनों को तबाह करने के लिए एयरस्ट्राइक आसानी से कर सकता है। एयर कॉमोडोर मृगेन्द्र सिंह कहते हैं कि राफेल विमान अपने टारगेट को भेदने में अचूक है। वह कहते हैं कि भारत के पास अभी जो फाइटर प्लेन जैसे मिग-29, मिराज,सुखोई-30 है इनकी तुलना में राफेल एक अलग ही जनरेशन का फाइटर प्लेन है और जो टारगेट को आसानी से भेद सकता है।