उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले योगी कैबिनेट के विस्तार की अटकलें फिर तेज हो गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अब पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हो रही है जिसमें मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने वाले नामों पर अंतिम मोहर लगाई जाएगी।
पार्टी से जुड़े सूत्र बताते है कि मंत्रिमंडल विस्तार में कांग्रेस से भाजपा में आए जितिन प्रसाद को जगह मिलना करीब-करीब तय है। इसके साथ ही दिल्ली से भेजे गए अरविंद कुमार शर्मा और अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल की पार्टी को योगी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। जितिन प्रसाद को योगी कैबिनेट में शामिल करके ब्राहाम्ण वोट बैंक को साध सकती है वहीं अरविंद कुमार शर्मा एक कुशल प्रशासक होने के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से काफी सक्रिय है।
यूपी में बड़ा ओबसी चेहरा माने जाने वाली सांसद अनुप्रिया को योगी कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने के सवाल पर वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र कहते हैं कि अनुप्रिया इतना बड़ा मुद्दा नहीं हैं। हां उन्हें थोड़ा महत्व मिले तो योगी को दिक्कत नहीं होगी। यह महत्व यूपी में भी मिल सकता है। जब केंद्र में कई बार कैबिनेट मंत्री रहकर शाहनवाज हुसैन बिहार में मंत्री बन सकते हैं तो अनुप्रिया उनसे बड़ी थोड़े ही हैं कद में।
असल में योगी सरकार में वर्तमान में सात मंत्रियों वर्तमान योगी सरकार में 53 मंत्री हैं। जिनमें 23 कैबिनेट मंत्री, 9 स्वतंत्र प्रभार मंत्री और 21 राज्यमंत्री हैं। वहीं योगी सरकार में अधिकतम 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस प्रकार सरकार में छह मंत्रियों के पद खाली हैं। अब जब विधानसभा चुनाव में 6-8 महीने का बाकी बचा है तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी सरकार में कुछ नए चेहरों को शामिल कर सियासी समीकरण को साधने का दांव चल सकते हैं।
प्रदेश में 19 मार्च 2017 को सरकार बनने के बाद मंत्रिमंडल का पहला विस्तार 22 अगस्त 2019 को हुआ था। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में तीन नए चेहरों के साथ राज्यमंत्री को मिलाकर 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी और 11 विधायक को राज्य मंत्रियों को उत्तर प्रदेश सरकार में जगह दी गई थी। वहीं कोरोना वायरस के संक्रमण से तीन मंत्रियों का निधन हो चुका है। चेतन चौहान और कमला रानी वरुण के बाद हाल ही में राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप का निधन हो गया है।