राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) द्वारा पिछले साल किए गए सर्वेक्षण के नतीजे को गुरुवार को यहां केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जारी किया। इसमें केरल, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश, नगालैंड, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और मेघालय शीर्ष 10 राज्यों में शामिल हैं।
एनएसएसओ के अध्ययन में जिन राज्यों ने खराब प्रदर्शन किया है उसमें छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर शामिल हैं। भाजपा शासित अथवा वैसे राज्य जहां भाजपा सत्ता में भागीदार है, उनमें से पांच राज्य सूची में निचले पायदान पर हैं।
महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जहां भाजपा अन्य पार्टियों के साथ सत्ता साझा कर रही है, क्रमश : 15 वें और 16 वें स्थान पर हैं। एनएसएसओ ने यह सर्वेक्षण मई-जून 2015 में कराया। इसमें समूचे देश के 3788 गांवों के 73 हजार 176 घरों को शामिल किया गया। रैंकिंग वैसे परिवार जहां शौचालय है और वे उनका (घरों में या सामुदायिक शौचालयों का) इस्तेमाल कर रहे हैं, उसके प्रतिशत के आधार पर की गई है।
सिक्किम ने 100 के पैमाने पर 98.2 फीसदी अंक हासिल किए। केरल, मिजोरम, हिमाचल प्रदेश, नगालैंड, हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और मेघालय ने क्रमश: 95.8, 90.1, 88.6, 87.9, 86.1, 80.2 और 73 फीसदी अंक हासिल किए। झारखंड, छत्तीसगढ़, ओड़िशा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, तमिलनाडु, कर्नाटक और जम्मू कश्मीर ने क्रमश: 17.7, 19.9, 24.8, 24.8, 27.3, 29.8, 35.8, 39.2, 44.3 और 45.9 फीसदी अंक हासिल किए।
मंत्रालय द्वारा स्वच्छता कवरेज पर तैयार की गई ताजा रिपोर्ट के अनुसार सिक्किम ने 99.9 फीसदी स्वच्छता कवरेज के साथ सर्वोच्च स्थान हासिल किया। उसके बाद हिमाचल प्रदेश (97.11 फीसदी) और केरल (96.35 फीसदी) का स्थान रहा। गुजरात मंत्रालय की शीर्ष 10 की सूची में शामिल है। उसने 79.37 फीसदी अंक हासिल किए जबकि एनएसएसओ की रिपोर्ट में उसे सिर्फ 53.4 अंक हासिल हैं।
हरियाणा (87.33 फीसदी) , उत्तराखंड (86.42 फीसदी) , मिजोरम (84.75 फीसदी), मेघालय (82.47 फीसदी), मणिपुर (81.04 फीसदी) और पंजाब (78.89 फीसदी) अन्य राज्य हैं, जो शीर्ष 10 राज्यों में शामिल हैं। (भाषा)