रेलवे के लिए 2 लाख 52 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया
2014 से 2023 तक 30336 KM रेल पटरियां बिछाई जा चुकीं
2004 से 2014 के बीच केवल 14900 KM रेल पटरियां बिछाईं
Railway Minister's statement regarding railway tracks : सरकार ने शुक्रवार को बताया कि देश में आज 15 किलोमीटर प्रतिदिन की दर से रेल पटरियां बिछाई जा रही हैं और 2014 से 2023 तक कुल 30336 किमी तक रेल पटरियां बिछाई जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि 2014 में राजग की सरकार बनने से पहले रेल पटरियों के निर्माण की औसत गति केवल 4 किमी प्रतिदिन थी। उन्होंने कहा कि आज रेलवे के विकास के लिए 2 लाख 52 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
रेलमंत्री अश्विनी कुमार वैष्णव ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 2014 में राजग की सरकार बनने से पहले रेल पटरियों के निर्माण की औसत गति केवल चार किमी प्रति दिन थी और 2004 से 2014 के बीच केवल 14900 किमी रेल पटरियां ही बिछाई गई थीं।
उन्होंने बताया कि आज 15 किमी प्रतिदिन की दर से रेल पटरियां बिछाई जा रही हैं और 2014 से 2023 तक कुल 30,336 किमी तक नई रेल पटरियां बिछाई जा चुकी हैं। मंत्री ने बताया कि रेल पटरियां बिछाने के काम में तेजी लाने के लिए विभिन्न प्रयास किए गए जिनमें प्रक्रिया में या डिजाइन में बदलाव और भूमि अधिग्रहण से लेकर कोष बढ़ाना शामिल है।
उन्होंने रेलवे को गरीबों की सवारी बताते हुए कहा कि रेलवे के लिए आवंटन भी बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि पहले रेलवे के लिए नहीं के बराबर आवंटन होता था लेकिन आज रेलवे के विकास के लिए 2 लाख 52 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
वर्तमान बजट में आंध्र प्रदेश के लिए 9138 करोड़ रुपए आवंटित किए गए : उन्होंने आंध्र प्रदेश में लंबित रेल परियोजनाओं के बारे में पूछे गए एक पूरक प्रश्न के उत्तर में बताया कि केंद्र-राज्य के बीच समझौते होने पर शर्तों का पालन किया जाता है और इसके तहत केंद्र अपनी और राज्य अपनी जिम्मेदारी का पालन करता है। वैष्णव ने बताया कि 2009-14 के बीच अविभाजित आंध्र प्रदेश के लिए आवंटन केवल 886 करोड़ रुपए था लेकिन वर्तमान बजट में आंध्र प्रदेश के लिए 9138 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
उनके अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा है सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास और हम इस पर पूरी तरह अमल कर रहे हैं तथा राज्य सरकारों से भी अनुरोध है कि वे सरकार से सहयोग करे। इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने एक सवाल पूछा जिस पर मंत्री ने कहा कि पूछा गया सवाल मूल प्रश्न से अलग है और नए सदस्यों के लिए ओरिएंटेशन कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए। इसके बावजूद साकेत प्रश्न पूछते रहे जिस पर नाखुशी जताते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें बैठ जाने को कहा।
सभापति ने साकेत के लगातार सवाल पूछने पर सदन में तृणमूल कांग्रेस के नेता सुखेन्दु शेखर राय से कहा कि क्या वह और उनकी पार्टी गोखले के आचरण को सही ठहराते हैं। सभापति ने तृणमूल कांग्रेस के दोनों सदस्यों से बाद में अपने कक्ष में आने के लिए कहा। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour