अरुण जेटली से दोस्ती हो सकती है, बशर्ते...

शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016 (14:09 IST)
नई दिल्ली। भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली के मुखर आलोचक भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि उनकी जेटली से दोस्ती हो सकती है, यदि वे अपना रवैया बदल लें। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी जेटली से कोई दुश्मनी नहीं है।
 
नोटबंदी को लेकर वित्तमंत्री पर परोक्ष निशाना साधते हुए स्वामी ने कहा कि वित्त मंत्रालय ने इसके लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की। यदि तैयारी की होती तो शायद इतनी अव्यवस्थाएं नहीं होतीं। लोगों में इस फैसले को लेकर नफरत नहीं है, लेकिन दुख जरूर है। प्रधानमंत्री मोदी को इन अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए एक टीम बनानी चाहिए। हालांकि उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को नोटबंदी का नुकसान नहीं होगा। 
 
जेटली से दूरियों को लेकर स्वामी ने कहा कि वे मेरे मामले में बहुत अड़ंगा डालते हैं। उन्होंने कहा कि जेटली ने यहकर मेरा दिल्ली से टिकट कटवाया था कि मैं पंजाबी नहीं हूं। दिल्ली से चुनाव नहीं जीत सकता। उन्होंने कहा कि लोग यह मानते हैं कि स्वामी आएगा तो किसी की सुनेगा नहीं। दरअसल, मैं ज्ञानियों की सुनता हूं, मुर्खों की नहीं। स्वामी एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन कार्यक्रम में बोल रहे थे। 
 
राम मंदिर : राम मंदिर के मुद्दे पर स्वामी ने कहा कि इस मामले में रोज सुनवाई होनी चाहिए। यूपी चुनाव को लेकर स्वामी ने कहा कि एक आंतरिक सर्वे में भाजपा राज्य में पहले नंबर पर है। 
 
डिजिटल बैंकिंग : डिजिटल बैंकिंग में सुरक्षा से जुड़े सवाल पर स्वामी ने कहा कि यह सुरक्षित है, लेकिन थोड़े बहुत नुकसान की गुंजाइश तो है। हम दाढ़ी बनाते हैं तो भी चोट लग सकती है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक को रोकने का प्रयास नहीं होना चाहिए। आज देश में लगभग 80 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता हैं। इतनी तेजी से किसी भी देश में नहीं बढ़े। हमारी संस्कृति ऐसी है कि लोग तेजी से चीजों को सीख लेते हैं। 
 

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