रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक अधिकारी ने बताया कि मिसाइल को एक मोबाइल लांचर से दागा गया, जो 350 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है। उन्होंने कहा, मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर रडारों, इलेक्ट्रो-ऑप्टीकल ट्रैकिंग प्रणाली और टेलीमेट्री स्टेशनों से नजर रखी गई।