विमान निर्माता कंपनी के अधिकारी अंकुर कनग्लेकर ने डिजिटल प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास के अधिकारियों ने परीक्षण को देखा। भारतीय नौसेना ने 2018 में अपने विमानवाहक पोतों के लिए 57 बहुभूमिका वाले लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया शुरू की थी जिसमें स्काई जंप उड़ान तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
वर्तमान में 6 जंगी हवाई जहाज हैं, जो विमानवाहक पोत के लिए संगत हैं। इनमें राफेल (दासॉल्ट, फ्रांस), एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट (बोइंग, अमेरिका), मिग-29के (रूस), एफ-35बी और एफ-35सी (लॉकहीड मार्टिन, अमेरिका) और ग्रिपेन (साब, स्वीडन) हैं।
बोइंग रक्षा, अंतरिक्ष और सुरक्षा के भारत में विमान बिक्री के प्रमुख कनग्लेकर ने कहा कि सफलतापूर्वक स्काई जंप परीक्षण का संपन्न होना एफ/ए-18 सुपर हॉर्नेट की विमान वहन अनुकूलता की प्रमाणीकरण प्रक्रिया में एक प्रमुख मील का पत्थर है और हम समझते हैं कि विमान को कुशल और फिट होना होगा। इस संदर्भ में हमारे पास एक समाधान है और यह सुरक्षित है जिसमें भारतीय नौसेना की विमानवाहक पोत पर विमान के पूरी तरह परिचालन संबंधी भारतीय नौसेना की जरूरतों का ध्यान रखा गया है।
इस समय भारतीय नौसेना के पास एक मात्र विमानवाहक पोत-आईएनएस विक्रमादित्य है, जो रूसी मूल का जहाज है। भारत का प्रथम स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत 2022 तक भारतीय नौसेना में शामिल हो सकता है। (भाषा)