नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयुक्त के तौर पर अरुण गोयल की नियुक्ति के लिए अपनायी प्रक्रिया पर गुरुवार को सवाल उठाया और कहा कि उनकी फाइल को जल्दबाजी में मंजूरी दी गई। अदालत ने कहा कि 24 घंटे में कैसे मिल गई नियुक्ति को मंजूरी। इस पर केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल ने कहा कि वो सभी बातों का जवाब देंगे, लेकिन अदालत उनको बोलने का मौका दे।
शीर्ष अदालत ने कहा कि गोयल की नियुक्ति से जुड़ी फाइल को बहुत तेजी से पारित कर दिया गया। वहीं, केंद्र ने अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमानी के जरिए अदालत से थोड़ा रुकने के लिए कहा तथा मामले पर विस्तारपूर्वक गौर करने का अनुरोध किया।
पीठ ने कहा कि 1985 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी गोयल ने एक ही दिन में सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली, एक ही दिन में कानून मंत्रालय ने उनकी फाइल पारित कर दी, 4 नामों की सूची प्रधानमंत्री के समक्ष पेश की गई तथा गोयल के नाम को 24 घंटे के भीतर राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई।