न्यायालय ने सुदर्शन टीवी चैनल पर प्रसारित किए जा रहे उस कार्यक्रम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया, जिसमें सिविल सेवाओं में मुसलमानों के चयन को लेकर आक्षेप किया गया था। न्यायालय ने टीवी चैनल पर कार्यक्रम दिखाए जाने के तौर-तरीके पर भी नाराजगी जतायी।
न्यायमूर्ति केएम जोसेफ ने कहा कि हमें इस पर बहस करने की आवश्यकता है कि क्या औरों को केवल एंकर के खिलाफ बोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। न्यायालय ने कहा, 'हम गुरुवार को नागरिकों के हर वर्ग के लिए समानता और निष्पक्षता के अधिकार तथा संवैधानिक मूल्यों के संतुलन से संबंधित मामले पर विचार करेंगे।' (वार्ता)