श्री विशारद ने गत नौ जुलाई को याचिका दायर करके मामले की सुनवाई जल्दी शुरू करने का न्यायालय से अनुरोध किया था। उन्होंने दलील दी थी कि मध्यस्थता प्रक्रिया के अब तक के परिणाम बहुत ही अच्छे नहीं हैं, ऐसी स्थिति में सुनवाई जल्दी शुरू की जानी चाहिए। उनकी इन दलीलों के बाद न्यायालय ने समिति से प्रगति रिपोर्ट मांगी थी।