पीठ ने कहा, आरोप पत्र दायर किए जाने के मद्देनजर वर्तमान अवमानना याचिका पर सुनवाई जारी रखना न्याय के हित में उचित नहीं है। पीठ ने दिल्ली पुलिस को यह निर्देश देने से इनकार कर दिया कि आरोप पत्र की प्रति गांधी को मुहैया कराई जाए।
उसने कहा, आरोप पत्र दायर हो गया है और हमारी भूमिका समाप्त हो गई है। उसने कहा कि अब निचली अदालत में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के अनुसार कार्यवाही संचालित की जाएगी। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने कहा था कि इस मामले की जांच अग्रिम चरण पर है और जल्द ही जांच रिपोर्ट दायर की जाएगी।
नफरती भाषण का मामला दिसंबर 2021 में सुदर्शन न्यूज के संपादक सुरेश चव्हाण के नेतृत्व में दिल्ली में आयोजित हिंदू युवा वाहिनी के एक कार्यक्रम से जुड़ा है। गांधी ने अवमानना याचिका में कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले भाषणों से जुड़े मामलों में उत्तराखंड पुलिस और दिल्ली पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया था।