याचिकाकर्ता की ओर से मामले की पैरवी करते हुए वकील प्रशांत भूषण ने दलील दी कि हर राज्य के विधानसभा चुनावों के लिए इस योजना को शुरू किया जा रहा है, जबकि यह योजना लोकसभा चुनावों में निश्चित अवधि के लिए थी, लेकिन सरकार दिल्ली चुनाव के लिए बॉण्ड की बिक्री खोल सकती है।