दरअसल, मनीष सिसोदिया ने असम के मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जवाब में मुख्यमंत्री ने सिसोदिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर दिया था। सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट से मानहानि मुकदमा रद्द करने की मांग की थी, लेकिन अदालत ने ऐसा करने से इंकार कर दिया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और अभय एस. ओका ने सिसोदिया की अपील को नामंजूर करते हुए कहा कि अपनी भाषा देखिए। आप प्रेस कांफ्रेंस में कह रहे थे कि असम के मुख्यमंत्री की बीवी के भ्रष्टाचार का कच्चा-चिट्ठा मेरे पास है। उस समय आपने जो भी कहा, अब उसका नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। जजों के सख्त तेवरों को देखते हुए सिसोदिया ने अपनी याचिका वापस ले ली।
क्या कहा था सिसोदिया ने : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा पर आरोप लगाया था कि कोरोना के दौरान उन्होंने राज्य के लिए कथित तौर पर अपनी पत्नी की फर्म से महंगे दाम पर पीपीई किट खरीदी थी। इस बयान के बाद असम के मुख्यमंत्री सरमा ने सिसोदिया के खिलाफ अदालत में मानहानि याचिका दायर की थी। सिसोदिया की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।