नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय (supreme court) ने बुधवार को कहा कि जांच एजेंसी को किसी आरोपी को उसे मिलने वाली स्वत: जमानत (default bail) से वंचित करने के लिए जांच पूरी किए बिना अदालत में आरोप पत्र दाखिल नहीं करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने यह फैसला एक आपराधिक मामले में आरोपी की जमानत मंजूर करते हुए दिया।