पीठ में न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामसुब्रमण्यन भी थे। सुनवाई शुरू होने पर पीठ ने आरोपी से पूछा, क्या तुम उससे (लड़की से) शादी करना चाहते हो। पीठ ने कहा, अगर तुम शादी करने के इच्छुक हो तो हम इस पर विचार कर सकते हैं अन्यथा तुम्हें जेल जाना होगा। साथ ही पीठ ने जोड़ा, हम शादी के लिए दबाव नहीं डाल रहे।
पीठ द्वारा सवाल पूछे जाने पर याचिकाकर्ता की तरफ से पेश वकील ने कहा कि आरोपी पहले लड़की से शादी करना चाहता था लेकिन उसने मना कर दिया तो उसने किसी दूसरी लड़की से शादी कर ली। वकील ने जब कहा कि आरोपी लोकसेवक है, इस पर पीठ ने कहा, आपको (आरोपी को) लड़की को फुसलाने और दुष्कर्म करने से पहले यह सब विचार करना चाहिए था। आपको पता है कि आप एक सरकारी सेवक हैं।