0.001% लापरवाही भी है तो भी बच्‍चों की मेहनत नहीं भूल सकते, इसे NTA vs स्टूडेंट्स न समझें, SC की फटकार

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मंगलवार, 18 जून 2024 (12:56 IST)
Supreme Court Hearing on NEET Controversy : सुप्रीम कोर्ट में NEET एग्जाम से जुड़ी याचिकाओं की संख्‍या में इजाफा होता जा रहा है। NEET मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हो रही है। मंगलवार को फिर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की है। इस बार घोटाले की जांच किए जाने वाली मांग वाली याचिका पर सुनवाई की गई। जिस पर कोर्ट ने एनटीए से कहा है कि इसे NTA vs स्टूडेंट्स न समझें।

इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर 0.001% लापरवाही भी हुई है तो भी बच्‍चों की मेहनत नहीं भूल सकते। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्‍पणी को बेहद तल्‍ख माना जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर सुनवाई की और NTA को नोटिस जारी किया। जवाब देने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया गया है।

क्‍या कहा सुप्रीम कोर्ट ने : विवाद पर एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने कड़े तेवर दिखाते हुए अहम टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NTA से कहा कि अगर किसी की ओर से 0.001% भी लापरवाही हुई है तो उससे पूरी तरह निपटा जाना चाहिए। बच्चों ने परीक्षा की तैयारी की है, हम उनकी मेहनत को नहीं भूल सकते। बता दें कि आज जिन याचिकाओं पर सुनवाई हुई, उन पर भी अब 8 जुलाई को ही सुनवाई होगी। NEET की परीक्षा दोबारा कराए जाने की मांग वाली नई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंची हैं। सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने NTA को नोटिस जारी किया है और 8 जुलाई तक जवाब देने के निर्देश दिए हैं।

24 लाख बच्चों का भविष्य होगा तय: सुप्रीम कोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए केंद्र सरकार और NTA को नोटिस जारी किए हैं, लेकिन पेपर रद्द करने और काउंसिलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। अब 8 जुलाई को मामले में फैसला आएगा। बता दें कि देशभर में नीट की एक्‍जाम देने वाले करीब 24 लाख स्टूडेंट्स हैं। 8 जुलाई को फैसले के बाद इन स्‍टूडेंट का भविष्य तय होगा।

क्‍या है पूरा मामला : बता दें कि NEET 2024 का पेपर लीक होने के आरोप लगे हैं। रिजल्ट जारी करने में गड़बड़ करने के आरोप भी लगे हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी कठघरे में हैं। पेपर लीक कराने वाले गिरोह पकड़े जा रहे हैं। 30-30 लाख लेकर पेपर बेचने के सुराग पुलिस के हाथ लगे हैं। 67 बच्चों के 720 में से 720 नंबर देखकर सवाल उठाए गए। पेपर रद्द करने और मामले की जांच करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में इंसाफ की गुहार लगाई गई।
Edited by Navin Rangiyal

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