उच्चतम न्यायालय ने दूरसंचार एवं अन्य कंपनियों के निदेशकों, प्रबंध निदेशकों से यह बताने को कहा कि एजीआर बकाये के भुगतान के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जाए।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा, न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति एमआर शाह की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दूरसंचार विभाग के डेस्क अधिकारी के उस आदेश पर अफसोस जताया, जिससे एजीआर मामले में दिए गए फैसले के अनुपालन पर रोक लगी।
पीठ ने कहा कि हमें नहीं मालूम कि कौन ये बेतुकी हरकतें कर रहा है, क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है। बेहतर है कि इस देश में न रहा जाए और देश छोड़ दिया जाए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि एक डेस्क अधिकारी अटॉर्नी जनरल और अन्य संवैधानिक प्राधिकरणों को पत्र लिखकर बता रहा है कि उन्हें दूरसंचार कंपनियों द्वारा बकाये के भुगतान पर जोर नहीं देना चाहिए।
न्यायालय ने कहा कि हमने एजीआर मामले में समीक्षा याचिका खारिज कर दी, लेकिन इसके बाद भी एक भी पैसा जमा नहीं किया गया। देश में जिस तरह से चीजें हो रही हैं, इससे हमारी अंतरआत्मा हिल गई है।