सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जेल में जाति के आधार पर काम का बंटवारा ठीक नहीं

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 (12:25 IST)
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को एक बड़े फैसले में कहा कि सफाई का काम सिर्फ निचली जाति के कैदियों से कराना ठीक नहीं है। जेल में जाति के आधार पर काम का बंटवारा आर्टिकल 15 का उल्लंघन है। सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तुरंत जेल मैन्युअल में बदलाव करें।
 
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने विभिन्न राज्यों की जेल नियमावलियों में जाति आधारित भेदभाव के चलन की निंदा की। राज्य नियमावली के अनुसार, जेलों में वंचित वर्ग के कैदियों के साथ भेदभाव के लिए जाति को आधार नहीं बनाया जा सकता।

किसी विशेष जाति के कैदियों का सफाईकर्मियों के रूप में चयन करना पूरी तरह से समानता के अधिकार के खिलाफ है। सभी जातियों के कैदियों के साथ मानवीय तरीके से और समान व्यवहार किया जाना चाहिए।
 

Caste-based discrimination in jails: SC says selection of sweepers from particular caste is entirely opposed to substantive equality

— Press Trust of India (@PTI_News) October 3, 2024
कोर्ट ने कहा कि कैदियों को खतरनाक परिस्थितियों में सीवर टैंकों की सफाई करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इसी तरह से खाना बनाने का काम दूसरी जाति के कैदियों को दिया गया है। अदालत ने राज्य जेल नियमावली के आपत्तिजनक नियमों को खारिज किया, राज्यों से तीन महीने के भीतर नियमों में संशोधन करने को कहा।

सर्वोच्च न्यायालय ने इस साल जनवरी में मूल रूप से महाराष्ट्र के कल्याण की निवासी सुकन्या शांता द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और उत्तर प्रदेश तथा पश्चिम बंगाल सहित 11 राज्यों से जवाब मांगा था। न्यायालय ने इन दलीलों पर गौर किया था कि इन राज्यों की जेल नियमावली जेलों के अंदर काम के बंटवारे में भेदभाव को बढ़ावा देती हैं तथा कैदियों को कहां रखना है, इसका निर्णय भी उनकी जाति के आधार पर किया जाता है।
 
याचिका में केरल जेल नियमावली के प्रावधानों का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि ये नियम आदतन अपराधी और दोबारा दोषी ठहराए गए अपराधी के बीच अंतर करते हैं। याचिका में कहा गया है कि जो लोग आदतन लुटेरे, सेंधमार, डकैत या चोर हैं, उन्हें वर्गीकृत किया जाना चाहिए और अन्य दोषियों से अलग रखना चाहिए।
 
याचिका में दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल जेल संहिता में यह प्रावधान है कि जेल में काम जाति के आधार पर निर्धारित किया जाना चाहिए, जैसे खाना पकाने का काम प्रभावशाली जातियों द्वारा किया जाएगा और झाड़ू लगाने का काम विशेष जातियों के लोगों द्वारा किया जाएगा।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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