राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी की तरफ से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि स्पीकर के नोटिस को चुनौती नहीं दी जा सकती। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पार्टी में रहते हुऐ कोई एमएलए अयोग्य कैसे हो सकता है। असंतोष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता। अदालत ने कहा कि बागी विधायकों को भी पक्ष रखने का हक है।