शीर्ष अदालत ने इस बात पर नाराजगी जताई कि दिल्ली सरकार, दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली नगर पालिकाओं ने कोई हलफनामा पेश नहीं किया जिससे पता चले कि शहर के मास्टर प्लान में संशोधन का प्रस्ताव देने से पहले पर्यावरण पर उसके असर का आकलन किया गया था या नहीं।