नई दिल्ली। चुनाव से पहले राजनीतिक दलों द्वारा की जाने वाले मुफ्त योजनाओं की घोषणा पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को रोक लगाने से इंकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह राजनीतिक दलों को मुफ्त में चीजें देने की घोषणाओं पर रोक नहीं लगा सकती। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 'रेवड़ी कल्चर' यानी मुफ्त की योजनाओं को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा था।
चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि कहा कि यह सरकार का काम है कि वह लोगों के लिए काम करे। अदालत राजनीतिक दलों की ओर से मुफ्त सुविधाएं और चीजें देने की स्कीमों के ऐलान पर रोक नहीं लगा सकती।
हालांकि अदालत ने कहा कि चिंता की बात यह है कि जनता के पैसे को कैसे खर्च किया जाए। यह मामला काफी जटिल है और यह भी सवाल उठता है कि क्या कोर्ट को इस मामले में फैसला देने का कोई अधिकार है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कहा कि यह सरकार का काम है कि वह लोगों के भले के लिए काम करे।
आपको बता दें कि गुजरात में मंगलवार को ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने वहां की जनता से वादा कि यदि आम आदमी पार्टी सत्ता में आती है तो राज्य में मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। इससे पहले वे 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने की घोषणा भी कर चुके हैं।