उपाध्याय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय, एनसीईआरटी, एनसीटीई और सीबीएसई को यह निर्देश देने की मांग की थी कि वे जीवन, शिक्षा और समानता जैसे विभिन्न मौलिक अधिकारों की भावना को ध्यान में रखते हुए पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए ‘योग और स्वास्थ्य शिक्षा’ की मानक किताबें उपलब्ध कराए।