इस पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस बोबडे, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस अशोक भूषण होंगे। ये पीठ साल 2010 के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
वहीं 12 फरवरी को इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर 24 घंटे के अंदर फैसला दे देना चाहिए। उन्होंनेने ट्वीट करते हुए लिखा था कि श्रीराम जन्मभूमि आस्था से जुड़ा विषय है और न्यायालय को भी जन आस्था का सम्मान करते हुए 24 घंटे के भीतर इस पर अपना फैसला सुना देना चाहिए।