सूरत अग्निकांड में भयावह खुलासा, कुर्सियों की जगह टायरों पर बैठते थे स्टूडेंट्स, महज 5 फुट ऊंची बनी थी फ्लेक्स की छत
गांधीनगर। ज्वलनशील पदार्थ, फ्लेक्स एवं टायरों की मौजूदगी, ऐसी कुछ वजहें थीं जिन्होंने सूरत के वाणिज्यिक परिसर में लगी आग को भड़काने का काम किया तथा दमकल की गाड़ियों के घटनास्थल से काफी दूर होने के कारण आग बुझाने के अभियान में रुकावट आई। गुजरात के मुख्य सचिव जेएन सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी।
मुख्य सचिव ने यहां पत्रकारों से कहा कि आग बहुत तेजी से फैली क्योंकि कोचिंग संस्थान में छत के लिए फ्लेक्स जैसी उच्च जवलनशील सामग्री का इस्तेमाल हुआ था, जो महज पांच फुट ऊंची थी। चूंकि ऐसे कमरे में कोई कुर्सी पर नहीं बैठ सकता था, इसलिए कोचिंग के मालिक ने छात्रों के बैठने के लिए कुर्सियों की जगह टायरों का इस्तेमाल किया था।
उन्होंने कहा कि उच्च क्षमता वाली दमकल की गाड़ियों के घटनास्थल पर पहुंचने में देरी हुई, जो वहां से 45 मिनट की दूरी पर थीं। इसकी वजह से भी कुछ हद तक आग बुझाने का अभियान प्रभावित हुआ। बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के मकसद से नगर निगम के पास उच्च क्षमता वाली दमकल की गाड़ियां हैं। संस्थान के मालिक भार्गव भूटानी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया।