सूरत। गुजरात के सूरत में हुए एक दर्दनाक हादसे में एक वाणिज्यिक परिसर में शुक्रवार दोपहर आग लगने के बाद एक ‘कोचिंग क्लास’ के करीब 20 छात्रों और एक महिला शिक्षक की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सूरत सरथना इलाके के तक्षशिला परिसर में भयानक आग लग गई, छात्र आग से बचने के लिए बिल्डिंग की चौथी मंजिल की खिड़कियों से कूदते कूद गए। हादसे के बाद सवाल उठ रहे हैं कि हादसे का जिम्मेदार कौन है?
देर से पहुंची फायर ब्रिगेड : प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि दमकल की गाड़ियां आग लगने के आधे घंटे बाद मौके पर पहुंची। जबकि दुर्घटनास्थल से यहां पहुंचने में मात्र 5 मिनट का समय लगता है। देर से पहुंची दमकल गाड़ियों में न तो पर्याप्त पानी था और न ही उपर से कूद रहे बच्चों को बचाने के लिए उनके पास कोई नेट था। इस वजह से आग में फंसे लोगों और बच्चों को बाहर नहीं निकाला जा सका।
सूरत अग्निशमन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि 19 दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया और आग पर काबू पाने के लिए दो हाइड्रोलिक प्लेटफार्म भी बनाए गए हैं। बहरहाल हादसे के बाद से सूरत सदमें में है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों के खिलाफ गैर इरादातन हत्या का मामला दर्ज किया है।
अहमदाबाद में सभी ट्यूशन कक्षाओं को बंद करने का आदेश : अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर एके सिंह ने शुक्रवार रात को शहर के सभी प्राइवेट कोचिंग क्लासेस को दो महीने के लिए 23 जुलाई तक बंद करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जब तक ट्यूशन कक्षा चलाने वाले मालिक फायर सेफ्टी को लेकर NOCs जमा नहीं कर देते और आग से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं कर देते, तब तक उन्हें कोचिंग कक्षा शुरू करने की अनुमति नहीं मिलेगी।