बुलेट ट्रेन पर हो रहा है दुष्प्रचार, सुरेश प्रभु नाराज

बुधवार, 27 अप्रैल 2016 (14:14 IST)
नई दिल्ली। बुलेट ट्रेन परियोजना को रेलवे के भविष्योन्मुखी विकास के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए सरकार ने बुधवार को कहा कि इस विषय पर जान-बूझकर गलत प्रचार किया जा रहा है और सार्वजनिक धन का उपयोग आम लोगों की सुविधा एवं रेल सुधार पर ही होगा।
 
लोकसभा में कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि जान-बूझकर बुलेट ट्रेन के बारे में गलत प्रचार किया जा रहा है। बुलेट ट्रेन को जापान के सहयोग से पूरा किया जा रहा है और हाईस्पीड ट्रेन तथा सामान्य गति की आम आदमी की रेलगाड़ियों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
 
उन्होंने सवाल किया कि पहले बुलेट ट्रेन परियोजना नहीं थी तब क्यों नहीं तेजी से काम हुआ? प्रभु ने कहा कि बुलेट ट्रेन आने के साथ देश में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी आएगी, जो देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान देगी।
 
रेलमंत्री ने कहा कि जापान ने 0.1 प्रतिशत की दर से ऋण मुहैया कराया है तथा इससे कम ब्याज दर वाला ऋण और कहीं नहीं मिल सकता है। इस परियोजना के बारे में आशंकाओं को भी गलत बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देता हूं जिनकी निजी पहल के कारण यह संभव हो सका जबकि काफी पहले से प्रयास चल रहे थे।
 
प्रभु ने कहा कि बुलेट ट्रेन आएगी तब जापान से प्रौद्योगिकी भी आएगी और सार्वजनिक धन का उपयोग जनता के लिए सुविधाओं के विकास एवं रेल सुधार पर ही खर्च किया जाएगा।
 
उन्होंने कहा कि हमें देश में रेल की संपूर्ण स्थिति को ठीक करने के लिए दोनों को साथ लेकर चलना होगा, क्योंकि जापान से प्रौद्योगिकी आएगी तो वह सामान्य रेल के वर्तमान नेटवर्क में सुधार के संबंध में भी होगी।
 
प्रभु ने सदन को भरोसा दिलाया कि बुलेट ट्रेन और अन्य हाईस्पीड ट्रेनों के चलने से आम आदमी की साधारण ट्रेनों की गति प्रभावित नहीं होगी तथा बुलेट ट्रेन के साथ आने वाली नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से अन्य ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी।
 
उन्होंने कहा कि गति पकड़ने में जितनी भी बाधाएं हैं उन्हें दूर किया जाएगा और सभी श्रेणी की ट्रेनों की गति को बढ़ाया जाएगा। रेलमंत्री ने कहा कि जापान के साथ सहयोग आम जनता की सुविधाओं के विकास और वर्तमान नेटवर्क को दुरुस्त बनाने के संदर्भ में महत्वपूर्ण है और इसका एक छोटा-सा आयाम बुलेट ट्रेन है। 
 
मंगलवार को रेल बजट पर 2016-17 के अनुदान की मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए रेलमंत्री ने कहा था कि बुलेट ट्रेन का समझौता सिर्फ इस ट्रेन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि उसके जरिए आने वाली नई प्रौद्योगिकी भारतीय रेलवे के पूरे नेटवर्क को सुधारने में बड़ी मददगार साबित होगी।
 
बुलेट ट्रेन को भारतीय रेलवे के कायाकल्प की 'लंबी कूच की शुरुआत' बताते हुए उन्होंने कहा था कि नई प्रौद्योगिकी भारतीय रेलवे की शक्ल बदल देगी। भारत ने मुंबई से अहमदाबाद तक बुलेट ट्रेन चलाने के लिए जापान से 1 लाख करोड़ रुपयों का समझौता किया है।
 
बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जापान से केवल 13 प्रतिशत उपकरणों का आयात होगा बाकी उपकरण और सामान 'मेक इन इंडिया' के तहत भारत में ही बनेंगे। यह एक अभूतपूर्व समझौता है। (भाषा)

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