Ayodhya Ram Janmabhoomi Temple: राम नगरी अयोध्यावासियों में अपने वचन को निभाने की परंपरा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के समय से चली आ रही है। राम अपने पिता राजा दशरथ के वचन को पूर्ण करने के लिए 14 वर्षों के वनवास पर गए थे। यह तो सभी को ज्ञात है, लेकिन राम की जन्मस्थली अयोध्या से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित 'सराय राशि' गांव के सूर्यवंशी क्षत्रिय 500 साल बाद भी अपना वचन निभा रहे हैं।
दरअसल, 500 पहले मुगलों द्वारा राम जन्मभूमि स्थित मंदिर को ध्वस्त कर दिया है। उस समय बाबा गजराज सिंह से मुगल आक्रांताओं से एक सप्ताह तक लड़ते रहे और अन्तत: राम जन्मभूमि को बचाने के लिए शहीद हो गए। गजराज सिंह ने शहीद होने से पूर्व उन्होंने कसम खाई थी कि जब तक राम जन्मभूमि का निर्माण नहीं हो जाता और उसमें रामलला विराजमान नहीं हो जाते तब तक हमारा परिवार न तो सिर पर पगड़ी बांधेगा, न जूते पहनेगा और न ही छतरी लगाएगा फिर चाहे कितनी भी तेज धूप हो या बारिश।