नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार को दिल्ली में हार्ट अटैक से निधन हो गया। वह एक ऐसी लोकप्रिय नेता थीं जिन्होंने सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाया। उनके निधन की खबर से आज उनके लाखों समर्थक दुखी नजर आ रहे हैं।
सुषमा स्वराज अकसर ट्विटर पर सक्रिय रहती थीं। यहां वह सभी की मदद के लिए हरदम तैयार रहती थीं। उन्होंने इसके माध्यम से हजारों लोगों की मदद की।
सुषमा ने सिर्फ ट्विटर पर लोगों की मदद करती थीं बल्कि चुटिले अंदाज में दिए गए उनके जवाब सभी का दिल जीत लेते थे। वे सोशल मीडिया पर अकसर लोगों को नसीहत देती नजर आती थी। अधिकारी भी सुषमा को टैग कर किए गए ट्वीट पर तुरंत एक्शन लेते। वे स्वयं हर ट्वीट को चेक करती थीं।
उनकी सक्रियता की वजह से विदशों में बसे कई भारतीयों को वीजा मिला। पूर्व विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह के साथ मिलकर उन्होंने कई बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दिया।
सुषमा स्वराज के इसी अंदाज ने लाखों लोगों का दिल जीत लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसी वजह से अकसर उनकी तारीफ करते। लेकिन उन्होंने समाजसेवा के लिए सोशल मीडिया को हथियार बना लिया।
विदेशों में फंसे लोगों की मदद करने के लिए काफी चर्चा में रहीं
विदेश मंत्री रहते हुए सुषमा स्वराज विदेशों में फंसे लोगों की मदद करने के लिए काफी चर्चा में रहीं थीं। अगर कोई भी ट्वीट कर सुषमा स्वराज से अपनी परेशानी बताता था तो सुषमा उसको जवाब देती थी और उसकी पूरी मदद भी करती थी। लोग भी निसंकोच ट्विटर पर उनसे मदद की गुहार लगाते थे। विदेशों में रहने वाले भारत के लोग दिल खोलकर ट्विटर पर सुषमा से मद की अपील करते थे।
सुषमा अपने ट्विटर हैंडल से भारतीयों के साथ ही पाकिस्तान के लोगों की भी मदद करती थीं। साल 2017 में पाकिस्तान की महिला नीलमा गफ्फार के पति ने उस समय की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से अपनी बीमार पत्नी के वीजा को मंजूरी देने के लिए अनुरोध किया था, जिस पर सुषमा ने ट्विटर पर उसके वीजा को मंजूरी की जानकारी दी थी।
इसके साथ ही मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में विदेश मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज ने लीबिया में फंसे भारतीयों की मदद और उनको वहां से निकालने के लिए बड़ी भूमिका अदा की थी। इसी साल मई में सऊदी अरब में फंसे हैदराबाद के हाफिज मुहम्मद बहाउद्दीन को वहां से निकालने में मदद की थी।
विदेश मंत्री के अपने 5 साल के कार्यकाल में सुषमा स्वराज ने विदेशों में फंसे सैकड़ों भारतीयों को सुरक्षित वतन वापसी के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।