तहव्वुर हुसैन राणा को भारत लाने से फिर बेनकाब होगा पाकिस्तान, जानिए कैसे रची थी 26/11 मुंबई आतंकी हमले की साजिश

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 10 अप्रैल 2025 (22:10 IST)
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने गुरुवार को घोषणा की कि 26/11 मुंबई आतंकी हमलों के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से ‘सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित’ कराने के बाद भारत लाया गया और फिर उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तानी मूल के 64-वर्षीय कनाडाई नागरिक राणा को गुरुवार शाम एक विशेष विमान से दिल्ली लाया गया, जिससे कई दिन से जारी इन अटकलों पर विराम लग गया कि उसे कब और कैसे प्रत्यर्पित किया जाएगा। एनआईए ने देर शाम एक बयान में कहा कि राणा को ‘‘दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने के तुरंत बाद औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया’।

एजेंसी ने बताया कि राणा को एनआईए और राष्ट्रीय सुरक्षा गारद (एनएसजी) की टीम दिल्ली लेकर आईं। इसने कहा कि एनआईए की एक टीम ने सभी आवश्यक कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राणा को विमान से उतरने के तुरंत बाद गिरफ्तार कर लिया।
 
एजेंसी ने पूर्व में एक बयान में कहा कि 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता को न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में लाने के लिए वर्षों के सतत एवं ठोस प्रयासों के बाद यह प्रत्यर्पण हुआ है। मुंबई में 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा 26 नवंबर 2008 को किए गए भीषण हमलों में 166 लोग मारे गए थे।
 
बयान में कहा गया कि यूएसडीओजे, अमेरिकी स्काई मार्शल की सक्रिय सहायता से एनआईए ने संपूर्ण प्रत्यर्पण प्रक्रिया के दौरान अन्य भारतीय खुफिया एजेंसियों, एनएसजी के साथ मिलकर काम किया, जिसमें भारत के विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय ने भी मामले को सफल निष्कर्ष तक ले जाने के लिए अमेरिका में अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय किया।’’
 
राणा के दिल्ली पहुंचने की खबर मिलने के तुरंत बाद एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान पटियाला हाउस अदालत परिसर पहुंच गए। पुलिस अधिकारियों ने मीडियाकर्मियों को वहां से चले जाने को कहा और यह भी कहा कि वे (पुलिस) यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अदालत परिसर पूरी तरह से खाली हो। हालांकि, वकीलों ने घटनाक्रम पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया। राणा के खिलाफ मामले में विशेष एनआईए न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह सुनवाई कर रहे हैं।
 
दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण के अधिवक्ता पीयूष सचदेवा आरोपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इस बीच, यहां सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एनआईए मुख्यालय के बाहर कड़ी सुरक्षा सुनिश्चित की गई है और पूरे परिसर को दिल्ली पुलिस तथा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के सुरक्षाकर्मियों ने घेर लिया है।
 
एनआईए कार्यालय के बाहर और आसपास की प्रमुख सड़कों को वाहनों के आवागमन के लिए बंद कर दिया गया है। जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 2 से प्रवेश और निकास पर रोक लगा दी गई है, जो जांच एजेंसी के कार्यालय के सामने है। राणा को आखिरकार प्रत्यर्पित किए जाने की घोषणा तब हुई जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फरवरी में अमेरिका की राजधानी पहुंचे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 14 फरवरी को मोदी के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम एक बेहद हिंसक व्यक्ति को तुरंत भारत वापस भेज रहे हैं ताकि उसे भारत में न्याय की जद में लाया जा सके।
 
राणा को अमेरिका में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपोलिटन डिटेंशन सेंटर’ में रखा गया था। भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि के तहत शुरू की गई कार्यवाही के बाद उसे अमेरिका में न्यायिक हिरासत में रखा गया था। राणा द्वारा प्रत्यर्पण को रोकने के लिए सभी कानूनी रास्ते आजमाए जाने के बाद आखिरकार उसका प्रत्यर्पण हो गया।
 
कैलिफोर्निया के मध्य जिला स्थित जिला न्यायालय ने 16 मई, 2023 को राणा के प्रत्यर्पण का आदेश दिया था। इसके बाद राणा ने नौवीं सर्किट अपील अदालत में कई मुकदमे दायर किए, जिनमें से सभी खारिज कर दिए गए। इसके बाद उसने समीक्षा रिट, दो बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं और अमेरिकी उच्चतम न्यायालय में एक आपातकालीन अर्जी दायर की, लेकिन ये भी अस्वीकार कर दिए गए।
एनआईए ने कहा कि भारत द्वारा अंततः अमेरिका सरकार से वांछित आतंकवादी के लिए समर्पण वारंट प्राप्त किए जाने के बाद दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण की कार्यवाही शुरू की गई। राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ ​​दाउद गिलानी और आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा तथा हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (हुजी) के गुर्गों एवं पाकिस्तान में रह रहे अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर भारत की वित्तीय राजधानी पर तीन दिन तक चले आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है।
 
लश्कर-ए-तैयबा और हुजी दोनों को भारत सरकार द्वारा गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया गया है। छब्बीस नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों के एक समूह ने समुद्री मार्ग से भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद मुंबई के सीएसटी, दो आलीशान होटलों और एक यहूदी केंद्र पर समन्वित हमला किया। तीन दिन तक चले इन आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे।
 
मारे गए लोगों में भारतीयों के साथ ही ब्रिटेन, इजराइल और अमेरिका के नागरिक भी शामिल थे। राणा ने 1990 के दशक के अंत में कनाडा में प्रवास करने से पहले पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में काम किया था और अपनी आव्रजन कंसल्टेंसी फर्म शुरू की थी। बाद में, वह अमेरिका चला गया और उसने शिकागो में एक कार्यालय स्थापित किया।
 
अपनी फर्म के माध्यम से राणा ने हेडली को मुंबई में टोही मिशन चलाने के लिए संरक्षण प्रदान किया, ताकि आतंकवादी हमले कर सके। एनआईए अधिकारियों ने कहा कि अमेरिका से राणा के प्रत्यर्पण से 2008 के हमलों से पहले उत्तरी और दक्षिणी भारत के कुछ हिस्सों में उसकी यात्राओं के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकते हैं।
 
उन्होंने बताया कि राणा ने 13 नवंबर से 21 नवंबर 2008 के बीच अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ उत्तर प्रदेश के हापुड़ और आगरा, दिल्ली, केरल के कोच्चि, गुजरात के अहमदाबाद और महाराष्ट्र के मुंबई का दौरा किया था
ALSO READ: आतंकी तहव्वुर राणा का विमान दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड, NIA ने क्या कहा
पाकिस्तान फिर होगा बेनकाब
अमेरिका से प्रत्यर्पित किए गए तहव्वुर हुसैन राणा को भारत में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा और जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि उससे पूछताछ में 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों में पाकिस्तान के सरकारी तत्वों की भूमिका उजागर होगी।
 
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं को यह भी उम्मीद है कि पूछताछ में नवंबर 2008 में देश की आर्थिक राजधानी में हुए भयावह हमलों से पहले राणा की उत्तर और दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों की यात्राओं के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिलेंगे।
 
सूत्रों के मुताबिक, राणा ने 13 नवंबर से 21 नवंबर 2008 के बीच अपनी पत्नी समराज राणा अख्तर के साथ उत्तर प्रदेश के हापुड़ और आगरा के अलावा दिल्ली, कोच्चि, अहमदाबाद और मुंबई का दौरा किया था।
 
सूत्रों ने कहा कि संभव है कि राणा की इन यात्राओं के पीछे देशभर में अन्य स्थानों को भी निशाना बनाने की बड़ी साजिश रही हो, हालांकि उससे पूछताछ के बाद ही सटीक विवरण मिल सकेगा।
 
पाकिस्तानी मूल के 64 वर्षीय कनाडाई नागरिक राणा को बृहस्पतिवार शाम एक विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। अमेरिका के सर्वोच्च न्यायालय ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ राणा की अर्जी सात अप्रैल को खारिज कर दी थी, जिससे उसे भारत लाने का रास्ता साफ हो गया था।
 
अमेरिका में लॉस एंजिलिस के मेट्रोपॉलिटन हिरासत केंद्र में रखे गए राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी माना जाता है, जो मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। सूत्रों के मुताबिक, राणा से पूछताछ के जरिये जांच एजेंसियों को 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान के सरकारी तत्वों की भूमिका को उजागर करने में मदद मिलेगी।
 
पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में एक रेलवे स्टेशन, दो होटल और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था, जिसमें 166 लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों में अमेरिकी, ब्रिटिश और इजराइली नागरिक भी शामिल थे।
 
हमलों के दौरान पकड़े गए एकमात्र जीवित आतंकवादी अजमल आमिर कसाब को नवंबर 2012 में पुणे की यरवदा जेल में फांसी की सजा दी गई थी। राणा राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा वांछित था, जो मुंबई हमले से जुड़े मामले की जांच कर रहा है।
ALSO READ: तहव्वुर राणा को मिलेगी मौत की सजा? पूर्व गृह सचिव बोले- उसे 26/11 हमले के बारे में सब पता था
सूत्रों के अनुसार, जांच के दौरान हमले में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल जिहादी इस्लामी (हूजी) के वरिष्ठ कमांडर हाफिज मोहम्मद सईद, जकीउर-रहमान लखवी, साजिद माजिद उर्फ ​​वासी, इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान हाशिम सैयद उर्फ ​​मेजर अब्दुर्रहमान उर्फ ​​पाशा की भूमिका सामने आई थी।
 
सूत्रों ने कहा कि इन आरोपियों ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के अधिकारियों-मेजर इकबाल उर्फ ​​मेजर अली और मेजर समीर अली उर्फ ​​मेजर समीर के साथ साठगांठ में काम किया।
 
सूत्रों ने बताया कि राणा लगातार मेजर इकबाल के संपर्क में था। उन्होंने कहा कि भारत की अपनी पहली यात्रा के दौरान हेडली ने राणा से फोन पर 32 से ज्यादा बार बात की थी। सूत्रों के मुताबिक, हेडली ने भारत की अपनी दूसरी यात्रा के दौरान राणा से 23 बार, तीसरी यात्रा के दौरान 40 बार, पांचवीं यात्रा के दौरान 37 बार, छठी यात्रा के दौरान 33 बार और आठवीं यात्रा के दौरान 66 बार बात की थी, जिससे मुंबई हमलों की साजिश में उसकी सक्रिय भागीदारी का पता चलता है।
 
राणा कब हुआ गिरफ्तार
अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) ने अक्टूबर 2009 में राणा को कोपेनहेगन (डेनमार्क) में एक अखबार के कर्मचारियों का सिर कलम करने की नाकाम साजिश में मदद देने और मुंबई हमलों की साजिश रचने वाले लश्कर-ए-तैयबा को रसद सहायता उपलब्ध कराने के आरोप में शिकागो से गिरफ्तार किया था। हालांकि, बाद में राणा को लश्कर से जुड़े मामले में बरी कर दिया गया था। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma

वेबदुनिया पर पढ़ें

सम्बंधित जानकारी