तालिबान के मोहम्मद शाहीन ने एनटीवी से बातचीत में कहा कि आप यह नहीं कह सकते कि उसे हमारे लड़ाकों ने मारा है। शाहीन ने कहा कि दानिश ने हमारे साथ समन्वय क्यों नहीं किया। हमने पत्रकारों के लिए एक बार नहीं बल्कि कई बार घोषणा की है कि जब वे हमारे स्थान पर आएं तो हमारे साथ समन्वय करें। हम उनको सुरक्षा प्रदान करेंगे।
शाहीन ने कहा कि दानिश काबुल के सुरक्षाबलों के साथ थे। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, चाहे वे सुरक्षाकर्मी हों या मिलिशिया या काबुल के सैनिक या फिर एक पत्रकार। वह क्रॉस फायरिंग में मारे गए। इसलिए यह पता नहीं कि वह किसकी गोली से मारे गए।