लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बताया कि राष्ट्रपति को इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा गया। विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से संसद में सरकार के काम करने के तौर-तरीके की शिकायत की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में कम और बाहर ज्यादा बोलते हैं। सरकार ने कराधान संशोधन विधेयक पारित कराने में नियम 81 और 82 का उल्लंघन किया है।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में विधेयक पारित कराने के स्पष्ट प्रावधान हैं। इन दलों ने राष्ट्रपति भवन में मुखर्जी से मिलकर इस बात की शिकायत की कि इस विधेयक को बिना चर्चा के लोकसभा में पारित कराया गया और इसे धन विधेयक के रूप में पेश किया गया था। राष्ट्रपति से मिलने वाले विपक्षी नेताओं में गांधी और खरगे के अलावा तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा तथा वामदल के नेता शामिल थे।