ई दिल्ली। लखनऊ में एक विशेष अदालत ने आतंकी साजिश के मामले में आईएसआईएस के 8 संदिग्ध सदस्यों को दोषी करार दिया है। एनआईए अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध आतंकियों की दोषसिद्धि वैश्विक आतंकी समूह के सदस्यों के खिलाफ उसकी राष्ट्रव्यापी कार्रवाई में एक बड़ी सफलता है। संघीय जांच एजेंसी के प्रवक्ता ने बताया कि विशेष एनआईए अदालत सोमवार को सजा सुनाएगी। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) के एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
आठों दोषियों को आतंकी गतिविधियों की साजिश रचने से जुड़े कानपुर षड्यंत्र मामले में 2017 में गिरफ्तार किया गया था। भारतीय दंड संहिता, गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था।
उन्होंने बताया कि उससे पूछताछ के दौरान हुए खुलासे के आधार पर उसके सहयोगियों गौस मोहम्मद खान उर्फ करन खत्री, अजहर खान उर्फ अजहर खलीफा और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को गिरफ्तार किया गया था। वे सभी उत्तरप्रदेश के निवासी हैं।
प्रवक्ता ने कहा कि मुजफ्फर, नेतृत्वकर्ता था और वह (इस्लामी उपदेशक) जाकिर नाइक के दुष्प्रचार से प्रभावित था। यह पाया गया कि वह आईएस से जुड़ी वेबसाइट अक्सर देखा करता था, जहां से वह वीडियो डाउनलोड करता था तथा उन्हें अपने समूह के अन्य लोगों के साथ शेयर करता था। एनआईए ने कहा कि सभी 8 दोषी आईएसआईएस की गतिविधियों को भारत में बढ़ावा दे रहे थे।
एजेंसी ने कहा कि इस उद्देश्य की खातिर फैसल, गौस खान, मुजफ्फर, दानिश और सैफुल्ला ने स्थल मार्गों का पता लगाया। उन्होंने प्रवासन के लिए कोलकाता, सुंदरवन, श्रीनगर, अमृतसर, वाघा सीमा, बारमेड़, जैसलमेर, मुंबई और कोझिकोड सहित कई प्रमुख शहरों की यात्रा की।