इस साल अभी तक कश्मीर में मारे गए कुल 112 आतंकियों में से आधे के करीब दक्षिण कश्मीर में ही मारे गए हैं। दरअसल, दक्षिण कश्मीर को आतंकयों का गढ़ माना जाता है। एक अधिकारी के बकौल, अमरनाथ यात्रा को क्षति पहुंचाने की खातिर आतंकी इस इलाके में एकत्र हो रहे थे।
हिज्बुल मुजाहिदीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी की मौत के बाद से ही दक्षिण कश्मीर खासकर अनंतनाग में सुरक्षाबलों ने दबाव बनाया हुआ है। कोई दिन ऐसा नहीं गुजरता जिस दिन आतंकियों को मौत के घाट नहीं उतारा जाता पर चिंता का विषय दक्षिण कश्मीर में फैले आतंकवाद का यह है कि जितने आतंकी मरते हैं, उससे आधी संख्या में नए पैदा जाते हैं और 90 परसेंट दक्षिण कश्मीर के दो जिलों पुलवामा और अनंतनाग के रहने वाले ही होते हैं।