अर्थव्यवस्था के सुधार से Reliance Industries का कर पूर्व लाभ बढ़ा : मूडीज
सोमवार, 2 नवंबर 2020 (22:43 IST)
नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स ने सोमवार को कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में शीघ्रता से सुधार के बीच सितंबर तिमाही में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड का कर पूर्व लाभ बेहतर हुआ है। कंपनी ने कुछ संपत्तियों की बिक्री की, जिससे उसकी पूंजी भी सुधरी है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज का कर पूर्व लाभ (ईबीआईटीडीए) जून तिमाही की तुलना में सितंबर तिमाही में 7.9 प्रतिशत बढ़ा। मूडीज ने कहा, डिजिटल सेवाओं में मजबूत प्रदर्शन और पेट्रो रसायन तथा खुदरा श्रेणियों में आय में सुधार ने एकीकृत आय को बेहतर किया है।
एजेंसी ने कहा कि कंपनी की आय के धीरे-धीरे सुधरकर कोविड-19 महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच जाने का अनुमान है। उसने कहा कि शुद्ध तौर कंपनी के कर्ज मुक्त हो जाने से बीएए2 रेटिंग के लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज की क्रेडिट रेटिंग का पैमाना मजबूत बना हुआ है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के डिजिटल सेवा खंड जिओ का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कर पूर्व लाभ 8.7 प्रतिशत बढ़ा है। कंपनी का कर पूर्व लाभ तिमाही में एक अरब डॉलर से अधिक हो गया है। कंपनी के कनेक्शनों की संख्या भी अब 40 करोड़ से अधिक हो गई है।
मूडीज ने कहा, आवासीय तथा उपक्रम केंद्रित ब्रॉडबैंड सेवाओं जैसी श्रेणियों में अन्य सेवाओं में तेजी आने तथा लाभप्रदता में सुधार होने से अगले 12 से 18 महीने में हम डिजिटल सेवाओं की आय बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं।
आलोच्य तिमाही के दौरान रिलायंस इंडस्ट्रीज के परिशोधन कारोबार के कर पूर्व लाभ में 21.4 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसका कारण परिशोधन संयंत्रों की मरम्मत के कारण पूरी क्षमता का उपयोग नहीं हो पाना तथा परिशोधन से बचत का कम हो जाना है।
पहले से भंडार के उच्च स्तर तथा उत्पादों की कम मांग के चलते हमें अगले छह से 12 महीने में परिशोधन की बचत के नरम बने रहने या मौजूदा स्तर के आस-पास रहने की उम्मीद है। हालांकि हमारा अनुमान है कि जब आर्थिक गतिविधियों में सुधार होगा, तब परिशोधन से बचत भी बेहतर होगी।
कंपनी के पेट्रो रसायन खंड का कर पूर्व लाभ इस दौरान 34.6 प्रतिशत बढ़ा। इसका कारण उत्पादों के बेहतर मिश्रण की मदद से बिक्री का बढ़ना रहा। खुदरा श्रेणी में कर पूर्व लाभ दूसरी तिमाही में पहली तिमाही की तुलना में करीब दो गुना हो गया। इसका कारण लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील के साथ खुदरा स्टोरों का पुन: खुलना तथा खरीदारों की संख्या में वृद्धि होना है।(भाषा)