सोशल मीडिया के दौर में नहीं चल रहा ‘जादू का खेल’, कैसे बचेगा जादुगरी का मायावी संसार, जादूगर प्रिंस ने बताया परदे के पीछे का दर्द

पलक झपकते ही अपनी ड्रेस बदल लेना, मंच पर नोटों का अंबार लगा देना और लड़की को बीच में से काटकर उसके दो टुकड़े कर देना और फिर से जिंदा कर देना। जब यह सारे हैरतअंगेज कारनामे दर्शक मंच पर देखते हैं तो दांतो तले उंगलियां दबा लेते हैं। जाहिर है यह कारनामे कोई जादूगर ही दिखा सकता है।

लेकिन जानकार हैरानी होगी कि जादू के ये हैरतअंगेज कारनामे दिखाने वाले जादूगर महज 25 साल के हैं। इनका नाम है जादूगर प्रिंस वीडी बैरागी। प्रिंस मध्‍यप्रदेश के शाजापुर के रहने वाले हैं और देशभर में सबसे कम समय में यानी कुछ ही सेकंड में अपनी ड्रेस चेंज करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज हैं।

इनकी जादू की दुनिया में कई टनों वजनी साजों-सामान और करीब 60 सहयोगियों की टीम है। वे देश के सबसे बड़े जादूगर बनना चाहते हैं। वेबदुनिया से विशेष बातचीत में उन्‍होंने कई सवालों के जवाब दिए और अपनी जादुई दुनिया के बारे में जानकारी दी।

पिता के मायालोक से हुए आकर्षित : जादूगर प्रिंस ने बताया कि मध्‍यप्रदेश के शाजापुर के रहने वाले हैं। उन्‍होंने दो बार एमए किया, लेकिन उनके पिता जादूगर रह चुके हैं, इसलिए उन्‍हें भी यह मायावी संसार अपनी ओर आकर्षित करता था। इसलिए उन्‍होंने अपने पिता वीडी बैरागी से जादू सीखना शुरू कर दिया। बेहद ही कम उम्र में जादू की कारनामे, करतब और हाथ की सफाई उन्‍होंने करना शुरू कर दिए थे। बाद में उन्‍होंने अपने नाम के साथ पिता का नाम भी जोड़ लिया। हालांकि वे बताते हैं कि उन्‍होंने कभी सोचा नहीं था कि वे जादूगर बनेंगे, लेकिन अपने पिता वैष्णवदास बैरागी को देखकर वे इस क्षेत्र में आ गए।

पलक झपकते ड्रेस चेंज : वे बताते हैं कि वे देश के सबसे कम उम्र के जादूगर हैं और स्‍टेज पर ही सबसे कम समय में यानी पलक झपकते ही अपनी ड्रेस बदलने का रिकॉर्ड उन्‍हीं के नाम है। उन्‍होंने बताया कि कोई भी इतने कम समय में ड्रेस चेंज नहीं कर सकता है। उनके पास दर्शकों के लिए कई हैरतअंगेज कारनामे हैं।

नोटों की बरसात : जादूगर प्रिंस वीडी बैरागी जब दर्शकों के बीच आकर नोटों की बरसात करते हैं तो दर्शक दांतों तले उंगली दबाने को मजबूर हो जाते हैं। वे अपनी हथेलियों को रगडते जाते हैं और नोटों की बारिश होती जाती है। ठीक इसी तरह से रूमाल से कबूतर और कबूतर से रूमाल बना देते हैं। प्रिंस ने वेबदुनिया को बताया कि उनके दो भाई भी उन्‍हें जादू के इस खेल में सहयोग करते हैं।

खास बात है कि जादूगर प्रिंस वीडी बैरागी अपने शो के दौरान सोशल मैसेज भी देते हैं। उनके कई आयटम्‍स ऐसे होते हैं, जिनमें बेटी बचाओ, पानी बचाओ, महिला सुरक्षा और देशभक्‍ति के मुद्दे शामिल होते हैं।

संकट में है जादू की मायावी दुनिया
जादू की इस मायावी दुनिया पर आए संकट के बारे में पूछने पर जादूगर प्रिंस ने बताया कि जादू की दुनिया बेहद संकट में है। उन्‍होंने बताया कि कोरोना के पहले देश में कई जादूगर सक्रिय थे, लेकिन अब कुछ ही लोग बचे हैं, कोरोना काल में बहुत से लोगों ने यह काम छोड़ दिया। हालांकि ठीक कितने जादूगर देश में बचे हैं, यह तो नहीं पता है लेकिन ज्‍यादातर लोगों ने इसे छोड़ दिया है।

खर्च लाखों, कमाई कोड़ी भी नहीं
प्रिंस ने बताया कि दरअसल, जादू का शो रखने के लिए कई तरह के इंतजाम और खर्च लगता है। एक शो को आयोजित करने में करीब 1 लाख रुपए लग जाते हैं, ऐसे में जादू के प्रति लोगों में अब कोई दिलचस्‍पी नहीं रह गई। ऐसे में खर्च निकालना ही मुश्‍किल हो जाता है। सबसे ज्‍यादा खर्चा हॉल का लग जाता है, उस प्रचार करना होता है, दूसरी व्‍यवस्‍थाएं और कई तरह का सामान लेकर एक जगह से दूसरी जगह जाना होता है।

सरकार से नहीं कोई मदद : जादूगर प्रिंस ने बताया कि इस पर भी सरकार कर तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है। इसके लिए कोई योजना नहीं है और न ही राज्‍य के संस्‍कृति मंत्रालय की तरफ से कोई योजना या मदद का प्रावधान है। उन्‍होंने बताया कि भारत के कई राज्‍यों समेत उन्‍होंने विदेशों में भी शो किए हैं। इसके लिए सारी व्‍यवस्‍थाएं उन्‍हें और उनके सहयोगियों को ही करना होती हैं। जादू एक कला है, हाथ की सफाई है और वे नहीं चाहते कि यह लुप्‍त हो जाए, इसलिए वे इसे पूरा चलाने की कोशिश कर रहे हैं। इतना ही नहीं, करतब या जादू दिखाने के लिए कई घंटों की मेहनत और रिहर्सल लगती है। इसलिए यह इतना आसान नहीं है, इसमें पैसा और मेहनत दोनों खर्च करना होता है।

इंटरनेट के दौर में घट रही जादूगरी : प्रिंस ने बताया कि कुछ लोगों को अब भी जादू के मायावी संसार में दिलचस्‍पी है, लेकिन अब इंटरनेट आने की वजह से लोग सबकुछ वीडियो में ही देख लेते हैं। इसके साथ ही मनोरंजन के और भी कई दूसरे साधन आ गए हैं। ऐसे में किसी हॉल में जाकर और टिकट लेकर कौन जादू देखना चाहेगा। इन सबको देखा जाए तो जादू का खेल संकट के दौर से ही गुजर रहा है। ऐसे में जरूरत है कि सरकार के साथ ही आम लोग और दर्शक भी इसे जिंदा रखने में सहयोग करे।

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