अब तक इस मामले में अदालत के आदेश पर एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई की कमीशन रिपोर्ट भी दाखिल हो चुकी है। आज दो लंबित प्रार्थना पत्र हैं, जिन पर सुनवाई होनी है। इनमें से एक प्रार्थना पत्र वादी यानी मंदिर पक्ष की ओर से और दूसरा शासकीय अधिवक्ता की ओर से दाखिल किया गया है। वादी पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी की पूजा अर्चना करने और परिसर स्थित अन्य देवी-देवताओं के विग्रह को सुरक्षित रखने समेत तहखाने की दीवार और वहां मौजूद मलबे को हटाकर एक एडवोकेट कमिश्नर की कार्रवाई की मांग की गई है। वहीं शासकीय अधिवक्त की ओर से जिस हौज में कथित शिवलिंग मिला है, उसमे मौजूद मछलियों के जीवन की रक्षा समेत तीन बिंदुओ पर प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिस पर सुनवाई होगी।