अक्षय आनंद ने लिखा कि यह सामूहिक नहीं, व्यक्तिगत मानवीय गुण हैं, यह आदमी बधाई का पात्र है। वैसे, महज 30 सेकंड के वीडियो से किसी के व्यक्तित्व का आकलन करना मूर्खता कही जाएगी, व्यक्तित्व के मूल्यांकन में इतनी जल्दबाजी क्यों, मूल्यांकन में समग्रता का अभाव न हो।