Pahalgam Terror Attack: हमले का खुफिया इनपुट था फिर चूक कैसे हुई?

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 23 अप्रैल 2025 (16:17 IST)
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले से पूरे देश में आक्रोश है। सोशल मीडिया में गुस्‍से से उबल पडा है। हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हो गईं हैं। ड्रोन से लेकर हेलिकॉप्‍टर, फॉरेंसिक जांच और खोजी कुत्‍ते आतंकियों को ट्रेस करने में लगा दिए गए हैं। गृह मंत्रालय ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

बता दें कि मृतकों में आईबी में और नेवी में सेवाएं देने वाले अधिकारी थे, इसके साथ ही मरने वालों में देश के कई राज्‍यों के पर्यटक थे, इस वजह से पूरे देश में गुस्‍सा और आक्रोश है। लेकिन ऐसे में सवाल यह है कि जब पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक आपकी ही सरकार है, सारी व्‍यवस्‍थाएं आपके हाथ में हैं तो फिर ऐसी चूक कैसे हुई जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। इस पूरी घटना के केंद्र और जम्‍मू कश्‍मीर की राज्‍य सरकार जिम्‍मेदार है।

ये है सबसे बड़ा सवाल : खुफिया एजेंसियों ने हमले को लेकर पहले ही इनपुट दे दिया था। इंटेलीजेंस के सूत्रों ने अप्रैल की शुरुआत में ही इनपुट दे दिया था कि आतंकी पहलगाम जैसी पर्यटक जगह को निशाना बना सकते हैं। वे इसको लेकर योजना भी बना रहे हैं। इनपुट में यह भी जानकारी दी गई थी कि आतंकियों ने रेकी कर ली है और वे अब प्लान पर आगे बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक हमास, जैश और लश्कर का तालमेल बढ़ रहा था। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आईएसआई की निगरानी में आतंकियों को तैयार किया जा रहा था।

70 आंतकवादी सक्रिय : रिपोर्ट्स के मुताबिक पहलगाम हमले में आतंकियों की मदद कुछ स्थानीय लोगों ने की थी। केंद्रीय बलों के आंकड़ों के मुताबिक जम्मू कश्मीर में अभी भी करीब 70 आंतकवादी सक्रिय हैं। पहलगाम हमले के बाद दो आतंकियों ने उरी में भी घुसपैठ की कोशिश की। लेकिन सेना के जवानों ने घुसपैठ को नाकाम कर दिया और आतंकियों को ढेर कर दिया।

पीर पंजाल से ली एंट्री : बताया जा रहा है कि आतंकियों ने पीर पंजाल की पहाड़ियों से घुसपैठ कर राजौरी, चत्रु और वधावन होते हुए पहलगाम तक का सफर तय किया। यह मार्ग बेहद संवेदनशील और रणनीतिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण माना जाता है, जो रियासी और उधमपुर जिलों से होकर गुजरता है। इस क्षेत्र में गुज्जर और बकरवाल समुदायों की बड़ी आबादी है और अनुमान है कि आतंकी आम लोगों की आड़ में खुद को छिपाकर इस रास्ते का उपयोग करने में सफल रहे। इस खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। यह रूट पहले भी संदिग्ध गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होता रहा है। लेकिन इस बार की योजना खासतौर पर पर्यटकों को निशाना बनाने के उद्देश्य से बनाई गई थी। पहलगाम हमले के बाद पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जिले में भारत-नेपाल की सोनौली सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों ने निगरानी और चौकसी को और कड़ा कर दिया है।

केंद्र और राज्‍य सरकार की नाकामी है पहलगाम अटैक : आरजेडी के कद्दावर नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी ने केंद्र सरकार को घेरा है। अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि यह घटना केंद्र सरकार की नाकामी है। बॉर्डर एरिया में केंद्र सरकार का जासूस और खुफिया तंत्र रहता है, सब फेल है। आतंकी घटना को अंजाम देकर चले गए और केंद्र सरकार, खुफिया विभाग को भनक तक नहीं लगी। सिद्दीकी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जासूस और फोर्स लगाकर रखा है। इसके बाद भी आतंकियों ने निर्दोषों की हत्या कर दी। यह घटना जम्मू-कश्मीर सरकार की भी नाकामी है। जैसे आतंकी संगठन ने निर्दोषों का कत्लेआम किया उस तरह आप किसी निर्दोष का कत्लेआम मत कर दीजिएगा। जिन आतंकियों ने घटना को अंजाम दिया उनको चुन-चुनकर ठोस कार्रवाई करिए।
रिपोर्ट : नवीन रांगियाल

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