नई दिल्ली। भारत में राजनेता ( या जिनके लिए केवल नेता कहना ही उचित होगा) और जानकार लोग किस तरह की बेसिर पैर की बातें करते हैं, इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इतना ही नहीं, ऐसे लोगों की उटपटांग बातों को मीडिया इस तरह प्रकाशित करता है मानो इन लोगों ने कोई महान बात कह दी हो।
हाल ही इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीक मंत्री मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग ने एक बार कहा था कि वेदों की थिअरी आइंस्टीन की दी हुई थिअरी e=mc2 से भी ऊपर है। केंद्रीय विज्ञान एवं तकनीक मंत्री हर्षवर्धन ने यह बात 105वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में कही।
पत्र लिखता है कि हर्षवर्धन ने स्टीफन हॉकिंग का यह कथन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंटिफिक रिसर्च ऑन वेदास की वेबसाइट से लिया था। यह कथन इस वेबसाइट में स्टीफन हॉकिंग के एक फर्जी फेसबुक प्रोफाइल से लिया हुआ बताया जा रहा है।
सोचिए कि जब हमारे केन्द्रीय मंत्री और जानकर इतने विद्वान हैं तो आम लोगों का क्या होगा? विदित हो कि स्टीफन हॉकिंग न तो ईश्वर को मानते थे और न ही किसी धर्म को लेकिन फिर भी एक केन्द्रीय मंत्री ने इस तरह का बयान जारी कर दिया।
द हिन्दू ने लिखा है कि हॉकिंग के ऐसा कहने का कोई प्रमाण या दस्तावेज मौजूद नहीं है। समाचार पत्र का कहना है कि 'सच तो यह है कि हॉकिंग ने ज्योतिष को ही खारिज कर दिया था।' अखबार ने लिखा है कि नई दिल्ली में 2001 में अल्बर्ट आइंस्टाइन स्मृति व्याख्यान में हॉकिंग ने ज्योतिष को पूरी तरह नकार दिया था।
जबकि एक दूसरा मामला कर्नाटक का है जहां बेंगलुरू के एक समारोह में निर्भया की मां की फिजीक पर पूर्व DGP ने भद्दी टिप्पणी कर दी। पूर्व सांसद और कर्नाटक के रिटायर्ड डी़जीपी एचटी संगलियाना ने असंवेदनशील ठंग से निर्भया की मां आशा देवी की 'फिजीक' पर टिप्पणी करते हुए उनकी प्रशंसा की। इस पूर्व सांसद और रिटायर्ड डीजीपी का कहना था कि 'मैं निर्भया की मां की सुन्दर फिजीक को देखकर अंदाजा लगा सकता हूं कि निर्भया कितनी सुंदर रही होगी।'
वहां मौके पर निर्भया की मां आशा देवी और पिता बद्रीनाथ सिंह भी मौजूद थे। बैंगलोर मिरर के मुताबिक अनिता छेरिया, जिन्हें इस समारोह में अवॉर्ड से नवाजा गया था, ने पूर्व सांसद के बयान पर तुरंत आपत्ति जताई और लेकिन निर्भया के माता-पिता के सम्मान में वे समारोह में ठहरी रहीं।
लेकिन अनिता ने अपने भाषण में संगलियाना की असंवेदनशील टिप्पणी पर आपत्ति जताई। हालांकि पूर्व डीजीपी की इस टिप्पणी पर जवाब देते हुए निर्भया की मां ने कहा कि अगर उन्होंने निजी टिप्पणी करने की बजाय हमारे संघर्ष के बारे में बोला होता तो बेहतर होता। इससे पता चलता है कि हमारे समाज में आज भी जिन्हें जिम्मेदार समझा जाता है, ऐसे लोगों की मानसिकता नहीं बदली है।
अनिता ने कहा ' जब सरकार के वरिष्ठ अधिकारी एक महिला की सुंदर फिजीक पर टिप्पणी करना उचित समझते हैं तो मुझे लगता है कि अभी हमें लोगों की महिलाओं को लेकर विचारधारा को बदलने के लिए लंबा सफर तय करना बाकी है।' संगलियाना के बयान के प्रति विरोध व्यक्त करते हुए कुछ लोगों कार्यक्रम छोड़कर चले गए।