उन्होंने कहा कि शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों को केन्द्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया गया है। स्थानीय पुलिस की महज प्रतीकात्मक उपस्थिति है। अधिकारियों ने कहा कि कुछ छिटपुट धर्मस्थलों से सुरक्षा हटा ली गई है, क्योंकि खुफिया जानकारी मिली थी कि विदेशी आतंकवादी वहां पुलिसकर्मियों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में पहले ही ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा कर दी गई है और वे गुरुवार से 10 दिन तक के लिए बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिए कुछ लंगरों को भी बंद कर दिया गया है। स्थानीय निवासी घबराए हुए हैं और उन्होंने कानून-व्यवस्था बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर जरूरी सामान खरीदना शुरू कर दिया है।
गृह मंत्रालय का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय बलों की तैनाती और वापसी लगातार चलने वाली प्रक्रिया है, सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा नहीं की जा सकती। अर्द्धसैन्य बलों की तैनाती आंतरिक सुरक्षा स्थिति के आकलन और प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के आधार पर की गई है।