नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम और उनके पुत्र कार्ति के खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस मामले में चल रही जांच के संबंध में ईडी और सीबीआई को 26 फरवरी तक ब्रिटेन और दूसरे देशों से अनुरोध पत्रों पर रिपोर्ट लेने को कहा है। एजेंसियों ने विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल को सोमवार को सूचित किया कि ब्रिटेन के अलावा सिंगापुर, मलेशिया और मॉरीशस को भेजे गए अनुरोध पत्र पर जवाब मिलने का इंतजार है।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता सोनिया माथुर ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से अदालत को बताया कि 7 जनवरी 2021 को स्मरण पत्र भेजे जाने के बावजूद अनुरोध पत्र (एलआर) पर ब्रिटेन में प्राधिकारों से जवाब नहीं मिला है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा ने कहा कि मॉरीशस के प्राधिकारों से कुछ दस्तावेज और प्रमाण मिले हैं जिनकी जांच की जा रही है। हालांकि मलेशिया के प्राधिकारों ने जरूरी सूचना मुहैया कराए जाने से इंकार कर दिया।
अदालत ने कहा कि उपरोक्त बयानों के मद्देनजर अनुरोध पत्रों की तामील के संबंध में लंबित स्थिति रिपोर्ट और जिरह के मुद्दे पर मामले को 26 फरवरी के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। अदालत ने पिछले साल 2 दिसंबर को मामले में जांच पूरी होने में देरी पर नाराजगी प्रकट की थी। एजेंसियों ने कई बार सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया था।
यह मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में प्रत्यक्ष निवेश संवर्द्धन बोर्ड की मंजूरी प्रदान करने में कथित अनियमितता से जुड़ा है। यह मंजूरी 2006 में दी गई थी, जब पी. चिदंबरम केंद्रीय वित्तमंत्री थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने आरोप लगाया था कि चिदंबरम ने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए सौदे को मंजूरी दी थी। (भाषा)