उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा देते हुए कहा कि जिस प्रकार से हिंसा हो रही है, मुझे यहां बैठे-बैठे बहुत अजीब लग रहा है। मुझसे ये देखा नहीं जा रहा है। हम करें तो क्या करें। हम एक जगह तक सीमित है। पार्टी के भी कुछ नियम होते हैं। इसलिए मुझे भी घुटन महसूस हो रही है।
पूर्व रेल मंत्री त्रिवेदी ने कहा कि उधर अत्याचार हो रहा है तो आज मेरे आत्मा की आवाज ये कह रही है कि यहां बैठे-बैठे अगर आप चुप रहो और कुछ नहीं कहो, उससे अच्छा है आप यहां से त्यागपत्र दो। मैं यहां घोषणा करता हूं कि मैं राज्यसभा से इस्तीफा दे रहा हूं।'