इस प्रोजेक्ट के सीईओ यसुहारु इनोउ ने कहा कि इस बात की आशंका है कि 2020 ओलंपिक देखने आने वाले मुस्लिम पर्यटकों के लिहाज से जापान में ज्यादा मस्जिदें न हों। जो ऐसे देश के लिए खतरनाक है जो खुद को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा मानती है। इसलिए हमने मोबाइल मस्जिद बनाने का फैसला किया। ये मस्जिदें जरूरत के हिसाब से ओलिंपिक स्टेडियम पर भेजी जाएंगी।
प्रोजेक्ट के सीईओ इनोउ ने बताया कि चार साल पहले वे कतर गए थे। वहां से इस तरह की मस्जिद बनाने का विचार समझ में आया। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी होगी कि इंडोनेशिया, मलेशिया, अफ्रीका, मिडल ईस्ट और सीरिया से शरणार्थी यहां आए। मस्जिद को दुनिया में शांति लाने के साधन के रूप में इस्तेमाल कर सके।