सब्जी मार्केट पर नजर रखने वाले जानकारों का कहना है कि टमाटर उगाने वाले राज्यों में भारी बारिश की वजह से फसल को भारी नुकसान हुआ है। साउथ के राज्यों से तो सप्लाई लगभग बंद ही है। हालांकि बरसात के मौसम में दिल्ली में ज्यादातर टमाटर हरियाणा से आते हैं। हरियाणा में भी बारिश की वजह से लगभग 70% तक फसल बर्बाद हो गई है।
विदित हो कि कुछ दिन पहले तक 1 किलो टमाटर 80 रुपए में मिल रहे थे। वहीं, शुक्रवार को आजादपुर मंडी के कई असोसिएशनों की हड़ताल की वजह से भी टमाटर के दाम और ऊपर जा सकते हैं। बाकी सब्जियों में करेला 100 रुपए किलो तक जा पहुंचा है। इसके अलावा टिंडा और फूलगोभी के दाम भी 100 रुपए किलो से ऊपर पहुंच गए हैं। कुछ दिन पहले तक 30 रुपए किलो में मिल रहे मटर भी 120 रुपए किलो तक महंगे हो गए हैं। सिर्फ आलू और प्याज कुछ वक्त से 20 रुपए किलो पर अटके हुए हैं।
जानकार बताते हैं कि बरसात के मौसम में सब्जियों की सप्लाई करने में कई मुश्किलें आती हैं। बारिश की वजह से ट्रांसपॉर्ट धीमा हो जाता है। सब्जियों में ज्यादा नमी होने से इनकी क्वॉलिटी पर भी असर पड़ता है और सब्जियां जल्दी खराब हो जाती हैं। इसके अलावा तेज बारिश में पूरी फसल बर्बाद होने का डर हमेशा बना रहता है।
टमाटर पर इसका सबसे ज्यादा असर हो रहा है। लगातार महंगे होते टमाटरों की स्थिति भी चिंताजनक है। आजादपुर सब्जी मंडी के व्यापारियों का कहना है कि अभी पहाड़ी इलाकों से टमाटर आ रहे हैं। बरसात के दिनों में वहां से सब्जी मंगवाना महंगा सौदा होता है। अगर बारिश से फसलों की बर्बादी नहीं रुकी तो महंगाई पर रोक लगना मुश्किल हो जाएगा।