2 राज्यों में यातायात नियमों ने मचाई खलबली, पुलिस ने 4 दिन में ही बना दिए 1.41 करोड़ के चालान

शुक्रवार, 6 सितम्बर 2019 (11:20 IST)
नई दिल्ली। 1 सितंबर से देशभर में लागू हुए नए यातायात नियमों ने खलबली मचा दी है। हालांकि यातायात नियमों के उल्लंघन पर लगाम लगाने के लिए यह सख्‍त कानून बनाया गया है। इसे लागू हुए महज 4 दिन ही हुए हैं, जिसमें देश के 2 राज्‍यों हरियाणा और ओडिशा ने चालान के जरिए 1.41 करोड़ रुपए की राशि इकट्ठा कर ली है। जबकि कई राज्‍यों में इस कानून को अभी तक लागू नहीं किया गया है। हालांकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी राज्यों को नए कानून का पालन करना ही होगा।

खबरों के मुताबिक, मोटर व्हीकल एक्ट (Motor vehicle act) में हुए बदलाव के बाद देशभर से खबरें आ रही हैं कि किस तरह से यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को हजारों का जुर्माना देना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा खबरें हरियाणा और ओडिशा से आई हैं।

केवल हरियाणा में ही अभी तक नए कानून के तहत करीब साढ़े 3 सौ चालान काटे गए हैं। इनसे जुर्माने के तौर पर 52 लाख रुपए से अधिक की राशि इकट्ठा की गई है। वहीं दूसरी ओर ओडिशा में अभी तक 4 हजार से भी ज्यादा चालान काटे गए हैं। इनसे 88 लाख रुपए से अधिक की राशि एकत्रित की गई। वहां 46 वाहन जब्त कर लिए गए हैं।

हालांकि पंजाब, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल और राजस्थान ने इस कानून को लागू नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी राज्यों को नए कानून का पालन करना ही होगा।
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सरकार का कहना है कि कानून में बदलाव करने के कई फायदे हैं। इससे गाड़ियों के यातायात नियम पालन करने की इलेक्ट्रानिक तौर पर निगरानी हो सकती है। इस कानून में कई नई सुविधाएं भी दी गई हैं, जैसे सभी फ़ॉर्म, फीस और दस्तावेज ऑनलाइन दाखिल किए जा सकेंगे।

अब गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी डीलर की है और इसके लिए गाड़ी को अथारिटी के सामने नहीं ले जाना होगा। ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता की सीमा बढ़ा दी गई है। एक्सपायरी के एक साल पहले और एक साल बाद के बीच कभी भी रिन्यू कराया जा सकेगा। लाइसेंस के लिए जरूरी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता की शर्त समाप्त कर दी गई है।

किसी भी नुक्स के कारण केंद्र सरकार किसी भी वाहन को वापस बुलाने का आदेश उत्पादक कंपनी को दे सकती है। 'हिट एंड रन' मामलों में भी मुआवजा मिलेगा। दुर्घटना के बाद गोल्डन ऑवर के दौरान कैशलेस इलाज होगा। बीमे के लिए ड्राइवर और सहचालक या हैल्पर को थर्ड पार्टी माना जाएगा।

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