पुलिस सूत्रों के अनुसार प्लांट की तरफ बढ़ने से रोके जाने पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और पुलिस वाहनों को पलट दिया। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई। हादसे में 9 लोगों की मौत हो गई और करीब 25 लोगों के घायल होने की खबर है। मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार इकाई को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई है।
न्यूज एजेंसी ANI ने ट्वीट कर कहा, तमिलनाडु के सीएम पलानीस्वामी ने प्रदर्शन में मारे गए मृतकों के परिजनों को 10 लाख, जबकि गंभीर रूप से घायलों को 3 लाख रुपए की मदद देने का ऐलान किया है। इसके अलावा सरकार ने मारे गए परिजन के सदस्य को नौकरी भी देगी। घटना की जांच के लिए एक जांच आयोग बनाया गया है।
पुलिस ने क्यों चलाई गोलियां : पुलिस ने बताया कि करीब 5000 प्रदर्शनकारी स्थानीय चर्च के निकट एकत्र हो गए और जब उन्हें संयंत्र तक मार्च करने की अनुमति नहीं दी गई तो उन्होंने जिला कलेक्ट्रेट तक रैली निकालने पर जोर दिया। इस बात पर प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच पहले धक्का मुक्की हुई और बाद में इसने हिंसा का रूप ले लिया।
स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया और कुछ वाहनों को पलट दिया। सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए पथराव में कई लोग घायल हो गए। इस दौरान कुछ बैंक परिसरों पर भी हमला किया गया। हिंसा बढ़ती देख पुलिस ने गोली चलाई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई।