बिहार के प्रमुख बौद्ध पर्यटक स्थल बोधगया में विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर परिसर से सुरक्षाकर्मियों ने विस्फोटक बरामद कर भगवान बुद्ध की पावन ज्ञानभूमि को दोबारा दहला देने की साजिश को नाकाम कर दिया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि मंदिर परिसर की सफाई के क्रम में शुक्रवार की देर शाम महाबोधि मंदिर के गेट संख्या-4 के पास से एक लावारिस थैला मिला। जब वहां तैनात बिहार सैन्य पुलिस (बीएमपी) के हवलदार उपेंद्र प्रसाद राय ने संदिग्ध थैले को देखा तो स्कैनर से उसकी जांच कराई। जांच में उस थैले में विस्फोटक होने की पुष्टि हो गई।
मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंचे केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बम निरोधक दस्ते ने विस्फोटकों को अपने कब्जे में लेते हुए उसे वहां से तत्काल हटा दिया। बताया जाता है कि संदिग्ध वस्तु में अमोनियम नाइट्रेट समेत दूसरे विस्फोटक और तार लगे हैं।
इस बीच विस्फोटक मिलने की घटना के बाद आसपास के इलाके में हाई अलर्ट कर दिया गया। साथ ही पूरे इलाके में सघन तलाशी ली गई। सूचना मिलते ही मगध प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक विनय कुमार और वरीय पुलिस अधीक्षक गरिमा मालिक ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया।
बोधगया में इस समय तिब्बतियों के आध्यात्मिक गुरु दलाईलामा का कालचक्र मैदान में प्रवचन चल रहा है। उन्हें महाबोधि मंदिर के पास स्थित तिब्बती बौद्ध मंदिर में ठहराया गया है। शुक्रवार को ही राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी बोधगया के दौरे पर थे।
इतनी सुरक्षा के बावजूद कालचक्र मैदान के गेट के पास विस्फोटक मिलना सुरक्षा पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। विस्फोटक मिलने के बाद दलाई लामा के ठहरने के स्थान के आसपास सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है।
गौरतलब है कि विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर समेत बोधगया के कई हिस्सों में 07 जुलाई 2013 को सीरियल ब्लास्ट हुए थे। सीरियल धमाकों को इंडियन मुजाहिदीन आतंकी संगठन ने अंजाम दिया था। बम धमाकों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपी गई थी। साल 2013 में हुए धमाकों के बाद महाबोधि मंदिर की सुरक्षा चाक-चौबंद की गई थी। (वार्ता)