Sena Vs Sena Row : चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट को दिया नया नाम और चुनाव चिह्न
सोमवार, 10 अक्टूबर 2022 (21:45 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट को चुनाव आयोग की ओर से नया चुनाव चिन्ह मिल गया है। उद्धव गुट का नया चुनाव चिन्ह मशाल होगा। उद्धव गुट के पार्टी का नया नाम भी मिल गया है। इस गुट के पार्टी का नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) होगा। खबरों के अनुसार उद्धव ठाकरे गुट की ओर से बताए गए पहले और दूसरे विकल्प को खारिज कर दिया गया।
आयोग ने शिंदे गुट का नाम बालासाहिबची शिवसेना दिया है। चुनाव चिन्ह के लिए त्रिशूल और गदा धार्मिक कारणों से तथा उगता सूरज दूसरी पार्टी का चिह्न होने के चलते चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को तीनों में से कोई चुनाव चिह्न नहीं दिए। आयोग ने उनसे नए चुनाव चिह्न का प्रस्ताव मांगा है।
चुनाव आयोग ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को मशाल' चुनाव चिन्ह आवंटित किया है। आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए चुनाव चिन्ह के रूप में 'त्रिशूल' की मांग करने के उद्धव गुट के दावे को खारिज कर दिया है।
शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच विवाद को लेकर निर्वाचन आयोग ने सोमवार को एक आदेश जारी कर उद्धव ठाकरे गुट के लिए पार्टी के नाम के रूप में 'शिवसेना - उद्धव बालासाहेब ठाकरे' नाम आवंटित किया। जबकि एकनाथ शिंदे के गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' नाम आवंटित किया है।
आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों द्वारा 'त्रिशूल' और 'गदा' को चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित किए जाने के दावे को भी खारिज कर दिया।
निर्वाचन आयोग ने यह भी बताया कि दोनों धड़ों द्वारा मांगा गया 'उगता सूरज' चुनाव चिन्ह तमिलनाडु और पुडुचेरी में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के लिए आरक्षित था। आयोग ने शिंदे गुट से मंगलवार सुबह 10 बजे तीन चुनाव चिन्हों की सूची दाखिल करने को कहा है।
समझा जाता है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक दलों को धार्मिक अर्थ रखने वाले चुनाव चिन्ह आवंटित करने के मामले में कड़ा रुख अपना रखा है।
शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों में से दोनों ने त्रिशूल और उगता हुए सूर्य को चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित करने की मांग की थी।
ठाकरे के करीबी ने जताई खुशी : ठाकरे के करीबी और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री भास्कर जाधव ने कहा, "हमें खुशी है कि तीन नाम जो हमारे लिए सर्वाधिक मायने रखते हैं- उद्धव जी, बालासाहेब और ठाकरे - उन्हें नए नाम में रखा गया है।"
आयोग ने धार्मिक अर्थों का हवाला देते हुए शिवसेना के प्रतिद्वंद्वी गुटों को त्रिशूल और गदा को चुनाव चिन्ह के रूप में आवंटित करने के सुझाव को खारिज कर दिया। चुनाव निकाय ने एकनाथ शिंदे गुट को 'बालासाहेबंची शिवसेना' नाम आवंटित किया। आयोग ने गुट को नए चुनाव चिन्ह का चयन करने के लिए कहा।