ठाकरे ने कहा कि ईश्वर के प्रतिरूप शिवाजी महाराज की प्रतिमा के समक्ष जाने से पहले खड़ाऊं उतारना उनके प्रति सम्मान प्रकट करना है और यह समान्य प्रक्रिया है, लेकिन योगी ने ऐसा नहीं किया। यह दिखाता है कि योगी शिवाजी के प्रति सम्मान की भावना नहीं रखते हैं। उनसे और क्या अपेक्षा की जा सकती है? यह शिवाजी महाराज का अपमान है।